श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥ अन्तकाल रघुबर पुर जाई। जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई॥ कराल बदनाय नारसिंहाय सकल भूत प्रेत दमनाय यह भी पढ़ें इंदौर के पितरेश्वर हनुमान धाम का इतिहास... जनम जनम के दुख बिसरावै ॥३३॥ अन्त काल रघुबर https://www.youtube.com/shorts/0FUpKP7dKX8
The Basic Principles Of Hanuman chalisa
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